Friday, May 15, 2020

Thoughts of Gautam Buddha


  1.  एक पल एक दिन को बदल सकता है एक दिन एक जीवन को बदल सकता है और एक जीवन इस पूरी दुनिया को बदल सकता है ।
  2. क्रोध को प्यार से बुराई को अच्छाई से स्वार्थ को उदारता से और झूठे व्यक्ति को सच्चाई से जीता जा सकता है ।
  3. जिस व्यक्ति का मन शांत होता है जो व्यक्ति बोलते और अपना काम करते समय शांत रहता है , वह वही व्यक्ति होता है जिसने सच को हासिल कर लिया है और जो दुःख - तकलीफों से मुक्त हो चुका है ।
  4. जो व्यक्ति अपने जीवन को समझदारी से जीता है उसे मृत्यु से भी डर नहीं लगता ।
  5. अज्ञानी आदमी एक बैल के समान है । वह ज्ञान में नहीं , आकार में ब बढ़ता है ।
  6. क्रोध को पाले रखना गर्म कोयले को किसी और पर फेंकने की नीयत से पकडे रहने के सामान है , इसमें आप ही जलते हैं ।
  7. ईर्ष्या और नफरत की आग में जलते हुए इस संसार में खुशी और हंसी स्थाई नहीं हो सकती । अगर आप अँधेरे में डूबे हुए हैं , तो आप रौशनी की तलाश क्यों नहीं करते ।
  8. एक जागे हुए व्यक्ति को रात बड़ी लम्बी लगती है , एक थके हुए व्यक्ति को मंजिल बड़ी दूर नजर आती है । इसी तरह सच्चे धर्म से बेखबर मूखों के लिए जीवन - मृत्यु का सिलसिला भी उतना ही लंबा होता है । 
  9. निश्चित रूप से जो नाराजगी युक्त विचारों से मुक्त रहते हैं , वही जीवन में शांति पाते हैं ।
  10. अतीत में ध्यान केन्द्रित नहीं करना ना ही भविष्य के लिए सपना देखना बल्कि अपने दिमाग को वर्तमान क्षण में केंद्रित करना ।
  11. जिस प्रकार लापरवाह रहने पर घास जैसी नरम चीज की धार भी हाथ को घायल कर देती है , उसी तरह से धर्म के वास्तविक स्वरूप को पहचानने में हुई गलती आपको नर्क के दरवाजे पर पहुंचा सकती है ।
  12. बुराई अवश्य रहना चाहिए , तभी तो अच्छाई इसके ऊपर अपनी पवित्रता साबित कर सकती है ।
  13. माता - पिता बनना अत्यंत सुखद अनुभव है । उत्साह से जीवन जीना और स्वयं पर महारत हासिल करना खुशी देता है।
  14. बुराइयों से दूर रहने के लिए अच्छाई का विकास कीजिए और अपने मन को अच्छे विचारों से भर लीजिए ।
  15. अच्छे स्वास्थ्य में शरीर रखना एक कर्तव्य है , अन्यथा हम अपने मन को मजबूत और साफ रखने में सक्षम नहीं हो पाएंगे।
  16. रास्ता आकाश में नहीं है । रास्ता दिल में है ।
  17. जिस तरह से आकाश में मिट्टी उछालने पर वह मुंह पर ही गिरती है , उसी तरह से मूर्ख व्यक्ति जब अच्छे लोगों के साथ बुरा करने की कोशिश करते हैं , तो उनका खुद का ही बुरा होता है ।
  18. हमेशा याद रखें कि बुरा कार्य अपने मन में बोझ रखने के समान है ।
  19. जो व्यक्ति जो 50 लोगों से प्यार करता है उसके पास खुश होने के लिए 50 कारण होते हैं । जो किसी से प्यार नहीं करता उसके पास खुश रहने का कोई कारण नहीं होता ।
  20. झरना बहुत शोर मचाता है , लेकिन सागर गहरा और शांत होता है ।
  21. जिस काम को करने में वर्तमान में तो दर्द हो लेकिन भविष्य में खुशी , उसे करने के लिए काफी अभ्यास की जरूरत होती है।
  22. ज्ञान ध्यान से पैदा होता है और ध्यान के बिना ज्ञान खो जाता है , इसलिए ज्ञान की प्राप्ति और हानि के इस दुगुने मार्ग को जानकर , व्यक्ति को खुद को इस तरह से साधना चाहिए ताकि ज्ञान में वृद्धि हो ।
  23. दूसरे लोगों के दोषों को ना देखें ना ही उनकी गलतियों को , इसके बजाय अपने खुद के कर्मों को देखें कि आप क्या कर चुके हैं और क्या करना अभी बाकी है ।
  24. अकेलापन ऐसे व्यक्ति को खुशी देता है जो कि संतोषी है जिसने धर्म के बारे में सुना है और उसे साफ तौर पर देखा है ।
  25. ईर्ष्या और नफरत की आग में जलते हुए इस संसार में खुशी और हंसी कैसे स्थाई हो सकती है ? अगर आप अँधेरे में डूबे हुए हैं , तो रौशनी की तलाश क्यों नहीं करते ?
  26. जो व्यक्ति सच्चाई की तलाश नहीं करते , वे जीवन जीने के असली उद्देश्य भटक गए हैं ।
  27. मैं कभी नहीं देखता कि क्या किया गया है , मैं केवल ये देखता हूं कि क्या करना बाकी है ।
  28. कोई भी व्यक्ति बहुत ज्यादा बोलने से कुछ नहीं सीख पाता । समझदार व्यक्ति वही कहलाता है , जो धीरज रखने वाला , क्रोधित न होने वाला और निडर होता है ।
  29. उदार हृदय , दयालु वाणी , और सेवा व करूणा का जीवन वे बातें हैं जो मानवता का नवीनीकरण करती हैं ।
  30. शक की आदत सबसे खतरनाक है । शक लोगों को अलग कर देता है । यह दो अच्छे दोस्तों को और किसी भी अच्छे रिश्ते को बरबाद कर देता है ।
  31. मन सभी मानसिक अवस्थाओं के ऊपर होता है ।
  32. अगर आपको अच्छा साथी ना मिले तो अकेले चलें उस हाथी की तरह जोकि अकेले ही जंगल में घूमता है , अकेले रहना कहीं अच्छा है बजाय उन लोगों के साथ के जोकि आप की प्रगति में बाधा बनते हैं ।
  33. तीन चीजें लंबे समय तक छिप नहीं सकती : सूर्य , चंद्र और सत्य 
  34. जीवन में एक दिन भी समझदारी से जीना कहीं अच्छा है बजाय एक हजार साल तक बिना ध्यान के साधना करने के
  35. बंधन ही सभी दुखों की जड़ है ।
  36. शब्दों के भीतर नष्ट करने की और स्वस्थ करने की दोनों ही शक्तियां होती हैं , जब शब्द सच्चे और दयालु होते हैं तो वे हमारे जीवन को बदल सकते हैं । 
  37. आप अपने गुस्से के लिए दंडित नहीं हुए आप अपने गुस्से के द्वारा दंडित हुए हो , जैसे मोमबत्ती बिना आग के नहीं जल सकती वैसे ही मनुष्य भी बिना आध्यात्मिक जीवन के नहीं जी सकता । 
  38. असली खुशी सब कुछ प्राप्त करने में नहीं है सब कुछ दे देने में है ।
  39. किसी बात पर हम जैसे ही क्रोधित होते हैं हम सच का मार्ग छोड़कर अपने लिए प्रयास करने लग जाते है । 
  40. हर इंसान अपने स्वास्थ्य या बीमारी का लेखक है । 
  41. सदैव अपने से समझदार व्यक्तियों के साथ सफर करिए मूर्तों के साथ सफर करने से अच्छा है अकेले सफर करना । 
  42. उसने मेरा अपमान किया , मुझे कष्ट दिया , मुझे लूट लिया जो व्यक्ति जीवन भर इन्हीं बातों को लेकर शिकायत करते रहते हैं, वे कभी चैन से नहीं रह पाते , सुकून से वही व्यक्ति रहते हैं , जो खुद को इन बातों से ऊपर उठा लेते हैं । 
  43. मन सब कुछ है तुम जैसा सोचते हो , वैसा ही बनते हो । 
  44. जिस तरह से तूफान एक मजबूत पत्थर को हिला नहीं पाता ,  उसी तरह से महान व्यक्ति , तारीफ या आलोचना से प्रभावित नहीं होते ।
  45. आकाश में पूरब और पश्चिम का कोई भेद नहीं है , लोग अपने मन में भेदभाव को जन्म देते हैं और फिर यह सच है ऐसा विश्वास करने लगते हैं । 
  46. आपका शरीर अनमोल है । यह जाग्रत होने के लिए हमारा वाहन है । इसका ध्यान रखें । 
  47. विचलित मन वाले व्यक्ति को मौत उसी तरह से बहा कर ले जाती है जिस तरह से अचानक आई बाढ़ में गांव के सोते हुए लोग बह जाते हैं । 
  48. सच्चा प्यार समझदारी से ही पैदा होता है ।
  49. हर दिन नया दिन होता है इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि बीता हुआ कल कितना मुश्किल था । आप हमेशा एक नई शुरुआत कर सकते हैं । 
  50. एक विचारहीन मनुष्य की प्यास अमर बेल की तरह बढ़ती है । वह एक जीवन से दुसरे जीवन की तरफ उसी तरह से भागता है , जैसे जंगल में एक बंदर फलों के लिए एक पेड़ से दूसरे पेड़ पर भागता रहता है ।
  51. इंसान को एक बंधन मुक्त मन का निर्माण करना चाहिए जो ऊपर और नीचे और चारों ओर फैला हुआ हो , वह भी बिना किसी बाधा के , बिना किसी दुश्मन के , बिना किसी बदले की भावना के । 
  52. अगर आपका चित्त शांत है , तभी आप इस ब्रह्मांड के प्रवाह को सुन पाएंगे , इसकी लय ताल को महसूस कर पाएंगे । खुशी इसके आगे रहती है और ध्यान इसकी चाबी है ।
  53. अगर आप उन चीजों की कद्र नहीं करते जो आपके पास हैं , तो फिर आपको खुशी कभी भी नहीं मिलेगी ।
  54. सच्चाई को अपनी जमीन बनाएं , सच्चाई को अपना घर बनाएं । क्योंकि दुनिया में इससे बड़ा कोई घर नहीं है ।
  55. सभी व्यक्तियों को सजा से डर लगता है , सभी मौत से डरते हैं । बाकी लोगों को भी अपने जैसा ही समझिए , खुद किसी जीव को ना मारें और दूसरों को भी ऐसा करने से मना करें ।
  56. आपका काम है अपनी पसंद के काम को खोजना । उसे खोजें और फिर उस काम में खुद को पूरी तरह से लगा दें । यही सफलता का मार्ग है ।
  57. स्वास्थ्य सबसे बड़ा उपहार है , संतोष सबसे बड़ी संपत्ति और वफादारी सबसे अच्छा रिश्ता है ।
  58. अगर आप किसी दूसरे के लिए दिया जलाते हैं तो यह आपके रास्ते को भी रौशन कर देता है ।
  59. आपका बड़े से बड़ा दुश्मन भी आपको उतना नुकसान नहीं पहुंचा सकता , जितना नुकसान आपके अनियंत्रित विचार आपको पहुंचाते हैं ।
  60. आप खुद अपने प्यार और स्नेह के उतने ही हकदार हैं जितना इस दुनिया में कोई भी अन्य व्यक्ति है ।
  61. सभी बुरे कार्य मन के कारण उत्पन्न होते हैं । अगर मन परिवर्तित हो जाये तो क्या अनैतिक कार्य रह सकते हैं ?
  62. सभी बुराइयों से दूर रहने के लिए अच्छाई का विकास कीजिए और अपने मन में अच्छे विचार रखिए बुद्ध आपसे सिर्फ यही कहता है ।
  63. आज हम जो करते हैं जीवन में वही सबसे ज्यादा मायने रखता है ।
  64. जो व्यक्ति थोड़े में ही खुश रहता है सबसे अधिक खुशी उसी के पास होती है ।
  65. सत्य के मार्ग पर चलते हुए कोई व्यक्ति दो गलतियां कर सकता है । एक पूरा रास्ता तय न करना और दूसरा , इसकी शुरुआत भी न करना ।
  66. जब तक आपके मन में नाराजगी के विचार पोषित होते रहेंगे तब तक आपका क्रोध भी बना रहेगा , लेकिन जैसे ही आप नाराजगी के विचारों को भुला देंगे वैसे ही आपका क्रोध भी गायब हो जाएगा ।
  67. जो व्यक्ति विचलित करने वाले विचारों से मुक्त होते हैं , उन्हें शांति अवश्य प्राप्त होती है ।
  68. चाहे आप जितने पवित्र शब्द पढ़ लें या बोल लें , वो आपका क्या भला करेंगे जब तक आप उन्हें उपयोग में नहीं लाते ?
  69. इच्छाओं का कभी अंत नहीं होता । अगर आपकी एक इच्छा पूरी होती है , तो दूसरी इच्छा तुरंत जन्म ले लेती है ।
  70. एक समझदार व्यक्ति अपने अंदर की कमियों को उसी तरह से दूर कर लेता है , जिस तरह से एक स्वर्णकार चांदी की अशुद्धियों को चुन - चुन कर , थोडा - थोडा करके और इस प्रक्रिया को बार - बार दोहरा कर दूर कर लेता है ।
  71. अगर थोड़े से आराम को छोड़ने से व्यक्ति एक बड़ी खुशी को देख पाता है , तो एक समझदार व्यक्ति को चाहिए कि वह थोड़े से आराम को छोड़कर बड़ी खुशी को हासिल करे ।
  72. यदि आप समस्या का हल निकाल सकते , तो फिर चिंता क्यों ? और यदि समस्या का कोई समाधान नहीं है , तो फिर चिंता करने का भी काई फायदा नहीं । 
  73. दुनिया नहीं जानती कि हम सभी का अंत यहीं पर होना है । लेकिन जो लोग इस सत्य को जानते हैं , उनके सारे झगड़े एक ही बार में खत्म हो जाते हैं ।
  74. विश्वास के बिना आप कहीं भी नहीं पहुँच सकते , इसलिए अगर आप धर्म को पाना चाहते हैं तो विश्वास बहुत जरूरी है ।
  75. अस्तित्व का पूरा रहस्य है डर से मुक्त हो जाना । कभी भी इस बात से ना डरें कि आपका क्या होगा । किसी पर भी निर्भर ना रहें । जिस वक्त आप सभी तरह की मदद को इनकार कर देते हैं , आप आजाद हो जाते हैं । 
  76. सच्चाई के रास्ते पर चलते हुए इंसान दो ही तरह की गलतियां कर सकता है , एक यह कि रास्ते पर आखिर तक ना चलना और दूसरा यह कि शुरूआत ही ना करना ।
  77. खुशी अच्छे स्वास्थ्य और बीती बातों को भुला देने से ज्यादा कुछ नहीं है ।
  78. सारे बुरे कार्य मन के कारण ही होते हैं । अगर मन ही बदल जाए तो क्या बुरा कार्य हो सकता है ?
  79. अगर व्यक्ति से कोई गलती हो जाती है तो कोशिश करें कि उसे दोहराएं नहीं । उसमें आनन्द ढूंढने की कोशिश न करें क्योंकि बुरोई में डूबे रहना दुःख को न्योता देता है ।
  80. जीभ एक तेज चाकू की तरह होती है , यह बिना खून निकाले ही मारती है ।
  81. जिसका मन एकाग्र होता है वही चीजों को उनके सही स्वरूप में देख पाता है ।
  82. किसी जंगली जानवर की अपेक्षा एक कपटी और दुष्ट मित्र से अधिक डरना चाहिए , क्योंकि जानवर तो बस आपके शरीर को नुक्सान पहुंचा सकता है , पर एक बुरा मित्र आपकी बुद्धि को नुक्सान पहुंचा सकता है ।
  83. हमें अपने द्वारा की गयी गलतियों की सजा तुरंत भले न मिले , पर समय के साथ कभी न कभी अवश्य मिलती है ।
  84. जिस तरह से एक तीर बेचने वाला अपने तीर को सीधा करता है , उसी तरह से एक समझदार व्यक्ति खुद को साध लेता है ।
  85. व्यक्ति खुद ही अपना सबसे बड़ा रक्षक हो सकता है ; और कौन उसकी रक्षा कर सकता है ? अगर आपका खुद पर पूरा नियंत्रण है , तो आपको वह क्षमता हासिल होगी , जिसे बहुत ही कम लोग हासिल कर पाते हैं ।

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